Sunday 20 July 2014

(Part 1) *** शुरुआत ***



साथ के लड़कों के साथ,आज जब खड़े क्लास में बतिया रहे थे,
किसी के आने का एह्साह हुआ,तो unconsciously मुड़के देख लिया,
तुमने शायद धयान न दिया हो,पर इतने में यहाँ तो जैसे धरती ने rotation ही बंद कर दिया

एक ही जगह अटकी आँखों में दर्द हुआ तो ध्यान आया की तुम्हे एक तक देखे जा रहा हूँ|
वाह! beautiful, इतना shocked तो केन्या के WC semifinal में पहुचने पे नहीं हुए थे
कल तक तो हम खुद को COOL समझते ही थे, आज अचानक हाथ पाँव ठन्डे पड़ गए
अक्सर ऐसी situation में आशिक के लिए वक़्त भी गुड फ्रेंड बन के रुक जाता है
तो आवाज़ हमनें भी  दे दी,  लेकिन ससुरा यहाँ वक़्त क्या खून भी NFS हो गया|

हमनें सोचा भी, अमें छोड़ो, है तो ये वही रोज़ वाली,बवाल हो जाएगा
पर वही जिद्द,  अपने आप को chuck Norris से कम भी कहाँ समझते हैं, तो ऐसे कैसे ताल देते
२ गाली सुनने की हिम्मत बाँधी, और पूरी शरीर की threshold को तोड़ते हुए, कह दिया
“तुम आज बहुत मस्त लग रही हो, बहुत मस्त”
उम्मीद शायद तुमने भी नहीं की थी,की ये मुआ भी तारीफ़ कर सकता है
नतीजन तुमने Emotions  में  Blush किया और यहाँ गंगोत्री से गंगा निकल पड़ी
अब threshold टूट ही चुका था तो १ नहीं,२ नहीं,5 नहीं
ना जाने कितनी बार क़द्रदानी करते रहे, और तुम इस बेबाकी को हर बार सुन कर मुस्कुराती रही |


BHAA_GAYI_AAJ_TUM


stay with me in this and move to Part 2

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